सचमुच क्या कोई अपने प्रोफेशन को भी जी सकता
है? शायद आप कुछ पल के लिए संकोच में पड़ जाए। आपके आस-पास सन्नाटा छा जाए। डिपेंडेंट
से इंडिपेंडेंट वर्क की जर्नी पर बड़ी बेबाकी से कोरियोग्राफर शबीना खान ने कहा कि वे
अपने प्रोफेशन को जीती है। इस बात में उनकी पूरी ईमानदारी भी है। तभी तो शबीना करियर
की उस बुलंदी पहुंच गई है जहां सरोज खान, वैभवी मर्चेंट, गणेश हेगड़े, गणेश आचार्य और
प्रभुदेवा अपनी उम्र के उस पड़ाव में थे।


लालगढ़ पैलेस में शबीना से छोटी
सी बतकही में बहुत सी बाते निकली। इंद्राणी मुखर्जी कैरेक्टर पर बन रही फिल्म “एक कहानी
जूली की’’ के दो सॉन्ग्स की कोरियोग्राफी कर रही है। जिनमें से एक के बोल राजस्थानी
में हैं। और इसकी शूटिंग के लिए बीकानेर को चुना गया। आखिर बीकानेर को ही क्यों? के
जवाब में शबीना ने कहा कि आई लव राजस्थान कलचर। मैं राजस्थान की संस्कृति को अच्छी
तरह से जानती हूं। पर ये बात मेरी समझ में नहीं आई। हां दूसरी बात जरूर ठीक लगी उनकी
बड़ी मम्मी का घर बीकानेर में हैं। इसलिए ये जगह बेहतर हो सकती हैं। 13 साल की उम्र
से ही सेट पर खाना, पढ़ना और ज्यादा से ज्यादा समय बिताना उनकी आदत बन गई। फिल्मी बैकग्राउंड
से तालुक रखने वाली शबीना ने कहा कि वह एक मुस्लिम परिवार से हैं। इसलिए मर्यादा में
रहते हुए अरेंज मैरिज भी की। किसी भी एक्टर को स्टेप सीखने में कोरियोग्राफर को कितनी
मशक्कत करनी पड़ती है? कोई ज्यादा टफ काम तो नहीं है फिर भी हमें जो फिल्म के चाहिए
होता है वो तो चाहिए ही। हम कोरियोग्राफर तब तक रिलेक्स नहीं हो पाते जब तक की वो सब्जेक्ट
स्टेप एक्टर से न करवा ले। मतलब अपने स्टाइल को उनके अंदर न डाल ले। इसमें एक्टर के
कोआपरेट की बेहद जरूरत होती है। आप देखती है
कि कोरियोग्राफर के दिए हुए स्टेप और स्टाइल को देखकर हम दर्शक उन्हें जिंदगी के हसीन
पलों में ठुमके लगाते औेर नाचते हैं। क्या किसी भी स्टेप को गढ़ते समय ऐसा ख्याल आता
है कि ये वाला स्टेप चल पड़ेगा? यह कहना मुश्किल है लेकिन मैं स्क्रिप्ट को पूरा पढ़ती
हूं। फिर अपने लेवल पर म्यूजिक के मुताबिक इजी करने की सोचती हूं। जैसा की प्रेम रत्न
धन पायो में सलमान ने “शबीना अपनी हथेली को सर-आंखों के पास ले जाते हुए दिखाती हुई’’
(छोटी बतकही इसलिए क्योंकि मैं
दोपहर ढाई बजे पहुंचा। शूटिंग का दूसरा दिन। जो अाधा बीत चुका था। लंच कर कमरे से बाहर
आई शबीना ने कहा कि जब तक सेट तैयार हो रहा हम बात कर लते हैं। आठ-नौ मिनट के बाद सेट
तैयार हो जाता हैं। किराये पर लिया होटल का ये पोर्शन दिन के खत्म होने से पहले शूटिंग
पूरी हो जाए फिल्म टीम की यही चाहत होती है। नहीं तो सूरज ढलते शूटिंग के लिए के लिए
प्रोब्लम बढ़ जाती है)
हाई प्रोफाइल इंद्राणी मुखर्जी
केस से कोई वाकिफ हो या न हो लेकिन ज्यादातर युवा इसे समझने को लेकर रूचि दिखाई । टीवी
से लेकर अखबार यहां तक कि आउटलुक और इंडिया टुडे मैग्जीन में शीना बोरा हत्याकांड स्टोरी
को खूब स्पेस मिला। रिश्तों में उलझी ये गुत्थी जितनी हैरान कर रही थी उतनी समझ से
परे। मेरे साथ रह रहे दो इंजीनियरिंग और एक कंपीटिशन की तैयारी कर रहे स्टूडेंट अक्सर
पूछते थे कि इंद्राणी मुखर्जी पूरा मामला क्या है? उनके सवालों के जवाब में “एक कहानी
जूली की’’ फिल्म की शूटिंग करीब करीब पूरी हो चुकी हैं। चेतना फिल्म प्रोडक्शन हाउस
के बैनर तले बन रही फिल्म को डायरेक्ट अजीज जी कर रहे है। प्रोड्यूसर अवध शर्मा है।
लीड रोल में राखी सावंत है। बीकानेर में शूटिंग गाने के बोल फन्ना रे…फन्ना रे…।
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